सैयारा: रूहानी मोहब्बत की दास्तान
जो खुद टूटकर भी दिलों को जोड़ जाता है।
खुद दुखी होते हुए भी,
दूसरों की ज़िंदगी में खुशियों का बादल बिखेर जाता है।
हमारी राहों को रोशन करता है।
खुद मिटते-मिटते,
अपनों को ज़िंदगी का असली फ़ल सफ़ा
सिखा जाता है
ज़िंदगी को जीना सिखा जाता है।
सैयारा का मतलब है — प्यार को निभाना।
प्यार, जो दिल के उस कोने में बसा होता है
जहाँ से हम कभी निकल नहीं पाते।
चाहे हमारा प्यार हमें मिले या ना मिले,
वो एहसास दिल के अंतराल में
हमेशा जीवित रहता है।
पर उसकी चमक में छिपा होता है एक अधूरा सपना।
जो खुद तो टूट गया,
पर किसी और की दुआ बन गया।
सैयारा वो है,
जो अपने आँसुओं से किसी और की मुस्कान लिखता है।
जो खुद अंधेरे में रहकर,
दूसरों के लिए उजाला बनता है।
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वो तारा, जो सिखाता है
प्यार सिर्फ पाना नहीं,
बल्कि निभाना होता है।
जो बिना किसी उम्मीद के,
बस दिल से जुड़ जाता है।

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